इतनी शक्ति हमें देना दाता
मन का विश्वास कमज़ोर हो ना।
हम चलें नेक रस्ते पर हमसे
भूलकर भी कोई भूल हो ना।।
1. दूर अज्ञान के हों अँधेरे, तू हमें ज्ञान की रोशनी दे। हर बुराई से बच कर रहें हम, जितनी भी दे भली जिन्दगी दे बैर हो ना किसी का किसी से,
भावना मन में बदले की हो ना हम चले नेक रस्ते पर हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो ना।।
2. हर तरफ जुल्म है बेबसी है, सहमा सहमा सा हर आदमी है पाप का बोझ बढ़ता ही जाये, जाने कैसे यह धरती थमी है
बोझ ममता से यह तू उठा ले, तेरी रचना का यह अन्त हो ना हम चलें नेक रस्ते पर हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो ना।।
3. हम न सोचें हमें क्या मिला है, हम यह सोचें किया क्या है अर्पण फूल खुशियों के बाँटे सभी को, सबका जीवन ही बन जाए मधुबन अपनी करुणा का जल तू बहा के,
कर दे पावन हर एक मन का कोना हम चलें नेक रस्ते पर हमसे, भूलकर भी कोई भूल हो ना।